Shayari guru
अब इस चांद पे कोई नजर ना लगाए।
क्योंकि इस चांद पे अब मेरा पेहरा है।
चाहें की समझे फिर भी ना टूटते गा।
यह रिश्ता ही इतना गहरा है।
क्या करू तुझे भूला ही नहीं पाता।
आंखे बंद करता हु तो मेरे सामने आता तेरे ही चेहरा है।
__________✍️ Shayari g
madhura
19-Aug-2023 02:38 PM
nice
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Varsha_Upadhyay
22-Jul-2023 03:50 PM
बहुत खूब
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